कर्म- धर्म

ये अच्छे कर्मों की गुलाबी हवा कभी महसूस भी नही होती होगी,
पर जब बुरे कर्मो के तुफान की वापसी हो जाए तो कर्म के साथ धर्म भी बचा नही सकता ।

कभी न कभी तो बुरा काम सभी करते ही है,
कोशिश करो की वो कम से कम करे,
क्यों हर बार सामने वाला ही अच्छा बने रहे हमारे लिए,
सोचो किसी दिन कुछ अच्छे कर्म हम करे ।

अंतकरण में राधा को जीवित रखना जरूरी है,
किसी न किसी मोड़ पर तो कृष्ण मिल ही जायेगा,
कभी रिश्ते में खुद से पानी छिड़का ही नहीं,
और सोचते हो की प्यार का बगीचा यूंही खिल जायेगा ?

रामायण महाभारत देखने के, तुम बस शौकीन हो,
क्या तुमने इससे कुछ सिखा है क्या ?
बर्ताव ऐसा करो ना की दुनिया को यकीन हो,
बताओ ऐसा कुछ अपने आप में दिखा है क्या ?

भगवान हो कर भी उस कृष्ण ने भी अपनी राधा को खोया था ।
जिसने सारे संसार के सवालों के जवाब गीता में दिए है,
वो खुद अपने प्रश्न का जवाब नही ढूंढ पाया था ।

_सचिन पाटिल (चंदगड)

अमित गुरव
अमित गुरव
मुख्यसंपादक
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